Iron Dome Collapse: Is Israel Losing the Tech War Against Iran

Iron Dome Collapse: Is Israel Losing the Tech War Against Iran

  • Iron Dome Collapse: Is Israel Losing the Tech War Against Iran इजराइल का वर्ल्ड फेमस आयरन डोम एक ऐसा अनोखा एयर डिफेंस सिस्टम जो दुश्मन के मिसाइल्स को हवा में ही इंटरसेप्ट कर देता है उनको जमीन तक भी पहुंचने नहीं देता सालों से हजबुल्ला और हमास के रॉकेट से आयरन डोम इजरलीज को सुरक्षित रखता आया है इस सिस्टम को दुनिया के दूसरे देश निहारते हैं अपनाना चाहते हैं और इसी सिस्टम के बिना पर इजराइल मिडिल ईस्ट में दूसरों पर आक्रमण करता है क्योंकि उसके अपने जो सिटीजंस हैं वो सुरक्षित रहते हैं लेकिन सिर्फ पिछले एक हफ्ते में सालों के आयरन डोम इजराइल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम की जो रेपुटेशन थी वो तबाह हो गई इजराइल की हालत आज टाइट हो चुकी है और वहां के लोग दहशत में आ गए हैं सीनियर इंटेलिजेंस ऑफिशियल इन टेलिंग एनबीसी न्यूज़ इजराइल्स रनाउंड आयरन डोम मिसल डिफेंस सिस्टम हैड बीन 90% इफेक्टिव बट दैट इट्स गॉन डाउन टू 65% इन द लास्ट 24 आवर्स जो आयरन डोम एकदम सेफ माना जाता था इनपेनिट्रेबल माना जाता था वो ईरान की जवाबी कारवाही में पिछले एक हफ्ते में 100 या 90% एक्यूरेट तो छोड़िए 65% मिसाइल्स भी रोक पा रहा है या नहीं और जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ रहे हैं ईरान के मिसाइल स्ट्र्राइक्स और भी सक्सेसफुल हो रहे हैं इजराइल के पास इंटरसेप्टर मिसाइल और भी कम हो रहे हैं क्या इजराइल ने गलत मैच लगाया था जब उसने पंगा लिया ये लेटेस्ट वाला क्योंकि यूएस ईरान टॉक्स के बीच में 13 जून को इजराइल ने हमें और डोनल्ड ट्रंप को और पूरी दुनिया को सरप्राइज कर दिया था रातोंरात ईरान के ऊपर कंप्लीट एयर सुपीरियरिटी हासिल करके सबके होश उड़ा दिए थे मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा था उसे अब इजराइल के जेट्स आराम से ईरान के ऊपर बमबारी कर सकते हैं पूरी एयर सुपरिटी है ये चीज रशिया 3 साल में भी यूक्रेन के ऊपर ना कर पाई जो इजराइल ने ईरान के ऊपर एक रात में कर दिया पर इसके बाद आया ईरान का सरप्राइज सीनियर मिलिट्री लीडर्स साइंटिस्ट जिनको अससिनेट कर दिया गया न्यूक्लियर फैसिलिटीज और मिसाइल लांचर जिसमें भारी बमबारी की गई तब भी ईरान इजराइल का यह हाल कर रहा है |
  • तलेबीव के कुछ हिस्से और गाजा में फर्क समझना आजकल मुश्किल हो गया है मिलिट्री सेंसरशिप के बावजूद ठोस रिपोर्ट्स आ रही हैं कि इजराइल की ऑयल रिफाइनरी इजराइल के मिलिट्री इंटेलिजेंस कमांड सेंटर्स साइंस फैसिलिटीज पर मिसाइल पर मिसाइल गिराए गए हैं साथ ही साथ ईरान के मिसाइल्स ने एक और चमत्कार कर दिखाया व्हाई इट ऑलवेज द जश पीपल वी डिड डू एनीथिंग इट वाज़ अस चमत्कार ये कि करीबन दो सालों से गाजा के ऊपर जो जेनोसाइड हो रहा है वहां जो 55,000 लोग मारे जा रहे हैं इंक्लूडिंग 15,000 बच्चे जिनकी मौत इजराइलीस को नहीं दिख रही थी अब वही इजराइल्स इस बात का रोना रो रहे हैं कि भाई कॉस्ट ऑफ लाइफ भी होती है सिविलियंस को क्यों मार रहे हो हॉस्पिटल्स पर बॉम्ब गिराना बुरी बात होती है ये बात ईरान के बॉम्ब्स गिरने के बाद समझ में आया तब समझ में ना आया जब गाजा के सारे हॉस्पिटल्स को एक-एक करके इजराइल ने खत्म कर दिया था अब इजराइल की राजधानी तलवी में बिलब्स पर इश्तहार छापे जा रहे हैं मिस्टर प्रेसिडेंट मिस्टर डोनाल्ड फिनिश द जॉब इजराइल अमेरिका को बोल रहा है फटकार लगा रहा है |
  • कि तुम्हें इलेक्शन में इतने पैसे दिए हैं चलो ईरान पर जल्दी बॉम्ब गिराओ खत्म कर दो ये पूरा काम इजराइल अमेरिका के पॉलिटिक्स को किस हद तक कंट्रोल कर रहा है  इजराइल तो मिडिल ईस्ट का अनडिक्लेयर्ड सुपर पावर था अनडिक्लेयर्ड न्यूक्लियर सुपर पावर था मिडिल ईस्ट का सबसे बड़ा विक्टिम आज एक हफ्ते में वो कैसे बन गया थोड़े दिन पहले तो ईरान खत्म होने वाला था आज वही ईरान तेलवी को खत्म करने वाला है आज ईरान एग्रेसर हो गया है और इजराइल विक्टिम हो गया है वो भी तब जब खुद ईरान अपाहिज है  इसके बावजूद कैसे ईरान ने आज भी हर रात इजराइल पर बम गिरा रहा है सालों के सेंश के बावजूद इतने बम इतने मिसाइल बना कैसे लिए ईरान ने कौन से मिसाइल्स का इस्तेमाल हुआ है कैसे इस्तेमाल हुआ है कौन से मिसाइल्स अभी तक मैदान में उतरने बाकी हैं और क्या इजराइल का हाईटेक आयरन डोम हां और उसके इंटरसेप्टर मिसाइल सच में इतना कमजोर पड़ गए क्यों क्योंकि उसी आयरन डोम की एक मैथमेटिक्स है जिससे शायद इस जंग का नतीजा तय होगा और अगर यूएस इन्वॉल्व हो भी जाता है |
  • युद्ध में तो उसके लिए भी एक बड़ा सरप्राइज इंतजार कर रहा है लेकिन शुरुआत करने से पहले एक बात क्लियर कर दूं ये बात इजराइल या ईरान के पक्ष विपक्ष लेने के लिए नहीं है हां ये सच है कि ईरान दूध से धुला नहीं है वहां एक फंडामेंटलिस्ट रिजीम है लोगों पर बर्बरता हुई है और उसने भी बहुत सारे मिलिटेंट ग्रुप्स को पनाह दी है उन्हें भी तैयार किया है लेकिन इजराइल को अब ये सोचना होगा कि जब ईरान जैसा इवल देश उस पर बम बरसा रहा है तो दुनिया भर के लोग खास आपत्ति नहीं जता रहे हैं कोई सिंपथी नहीं रख रहे |
  • इजराइल के साथ इजराइल ने ऐसा तो कुछ किया होगा जिससे वो आज ईरान से भी ज्यादा ईवल माना जा रहा है और उस पर बम गिरना लोग सिर्फ कर्मा की तरफ देख रहे हैं बहरहाल पहला मुद्दा ये है कि इजराइल ने आखिर इतनी जल्दी इतनी आसानी से ईरान के आसमानों के ऊपर कब्जा कैसे कर लिया इजराइल ने ईरान को सोते हुए पकड़ लिया यूएस के साथ टॉक्स के बीच में हमले की ईरान को भी शायद उम्मीद ना थी और शायद इसीलिए इजराइल ने यह टाइमिंग चुनी अपने कोऑर्डिनेटेड सर्जिकल स्ट्राइक के लिए 13 जून की रात को हमला होता है एयरफोर्स सबसे इंपॉर्टेंट यहां अब इजराइल की एयरफोर्स में लगभग 600 लड़ाकू विमान हैं और कई सारे अनमैन ड्रोंस भी हैं सबसे पहले इजराइल ने अपने F35 को आगे किया F35 जेट्स वेस्टर्न ईरान से एंटर करते हैं और उनका पहला निशाना होता है वहां स्थित रेडार स्टेशन और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स को अटैक करना किसी इजराइली जेट को डिटेक्ट करना काफी मुश्किल पहले से ही था क्योंकि ये F-35 थे इनका रेडार सिग्नेचर बहुत कम होता है उसके साथ-साथ सरफेस टू एयर मिसाइल को उन्होंने अपना निशाना बनाया जो सरफेस टू एयर मिसाइल की जो बैटरीज होती हैं उन्हें अपना निशाना बनाया कि अगर इसके बाद इजरली जेट्स को डिटेक्ट भी किसी ने कर लिया तो मारोगे कैसे ईरान के पास भी एयर डिफेंसेस थे पर सिस्टम्स पुराने हो चुके थे अभी भी सोवियत एरा एस 200 सिस्टम्स इस्तेमाल हो रहे थे कुछ मेड इन ईरान सिस्टम्स बीएवीआर 373 का एग्जांपल है पर ये भी लिमिटेड तादाद में ही उनके पास है वहां इजराइल के पास हेरोन 3 जैसे ड्रोंस भी थे F35 जैसे स्टेल्थ एयरक्राफ्ट भी हैं अगर कुछ एयर डिफेंसेस ट्रिगर भी होते तो हेरॉन 3 जैसे डीकोइस को भेजा गया था जिससे एयर डिफेंसेस सिर्फ हेरोन पर कंफ्यूज है फोकस रखें और F35 बीच में अपना सारा काम करके निकल जाए इसके बाद इजराइल सेकंड वेव
  • भेजता है F1-15 F16 को अपने फोर्थ जनरेशन फाइटर्स को रेडार एयर डिफेंसेस कमजोर ऑलरेडी हो चुके थे अब बिना किसी परेशानी के वेस्टर्न ईरान में ये फोर्थ जनरेशन एयरक्राफ्ट्स एंटर करते हैं इजराइल का दूसरा फिर मेन निशाना होता है ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल्स उनके स्टोरेज एरियाज उन उनके लॉन्च व्हीकल्स को अटैक करना एफ-15 और F16 ने जे डैम और स्पाइस बॉम्ब से अपने टारगेट्स को निशाना बनाया ये बॉम्ब्स काफी एक्यूरेट होते हैं और इजराइल का कहना है कि ऑलमोस्ट जो ईरान के मिसाइल लॉन्चर्स हैं उनको 1/3 खत्म कर दिया था एक ही रात में मकसद सिंपल था |
  • कि इससे पहले कि ईरान जवाबी कारवाही करे अपने बैलेस्टिक मिसाइल्स लांच करे हम उनके मिसाइल और मिसाइल लांचर्स को ही इतना चोट पहुंचा दें कि वो कुछ कर ना पाए अब आप सोचेंगे कि ईरान ने कुछ नहीं किया जब इसके ऊपर इतना बड़ा अटैक हो रहा था सच्चाई तो यही है कि दशकों से सेंशंस की वजह से ईरान की एयरफोर्स को बेहद कमजोर ऑलरेडी बना दिया गया था कुछ 300 लड़ाकू विमान हैं पर काफी पुराने हैं इजराइल को टक्कर देने लायक तो कुछ भी नहीं है ईरान के दो F1-14 टॉम कैट्स को इजराइल ने जमीन पर ही अटैक कर दिया पर वैसे भी ये  एफ4  1979 – 80 के मॉडल हुए हैं वो अगर एयरबर्न हो भी जाते तो कुछ खास कर नहीं पाते इस सब के साथ-साथ इजराइल ने टॉप लीडरशिप को टारगेट किया मिलिट्री जो लीडरशिप है उसको फैक्ट्रीज एयर फील्ड न्यूक्लियर सप्लाई साइंटिस्ट क्योंकि याद रखिए पूरी कहानी ईरान के न्यूक्लियर बम बनाने के ऊपर टिकी हुई है कि वो 15 दिनों के अंदर बस न्यूक्लियर बम बनाने वाले थे इसीलिए हमने ये सारा टारगेटिंग किया है ये सर्जिकल स्ट्राइक किया है इजराइल एयरफोर्स को शायद इतनी कामयाबी हासिल नहीं होती अगर सीरिया में आज भी असाद का राज चल रहा होता पर पिछले ही साल तख्ता पलट हो गया और उस दौरान इजराइल ने मौका का फायदा उठाकर सीरिया के सारे एयर डिफेंसेस को ध्वस्त कर दिया था |
  • इराक का एयर डिफेंस पहले से ही ध्वस्त था यानी इजराइल ने आराम से सीरिया और इराक के थ्रू वेस्टर्न ईरान में एंटर किया अपना काम कर दिया नतीजा ये कि एक ही रात में इजराइल ने ईरान के आसमानों पर कब्जा कर लिया था पर सवाल ये है कि अब एक हफ्ते बाद से ज्यादा जाकर ये एयर सुपर्योरिटी होने के बाद भी ऐसा क्यों हो रहा है कि काम तमाम करने के लिए ट्रंप को आवाज लगाई जा रही है क्योंकि ईरान उस आसमान को चीरता हुआ इजराइल पर अभी भी हमला कर रहा है और ये वॉर हिस्ट्री के लिए भी एक बहुत इंटरेस्टिंग चैप्टर है ईरान की एयरफोर्स और उसकी डिफेंसेस की कमजोरी को इजराइल ने खूब अच्छी तरीके से समझा मगर ईरान को भी अपनी कमजोरी के बारे में पता था |
  • इतने सेंशंस के बाद वो भी जानता था कि बड़े लेवल पर वो एयरफोर्स ऑपरेट नहीं कर सकता है एयर सुप्योरिटी नहीं रख सकता है ईरान ने शायद इसी बात की प्लानिंग की थी कैलकुलेशन की थी कि अगर कभी इजराइल या यूएस उसके देश पर आक्रमण करेगा तो वो कैसे रिएक्ट करेगा क्योंकि 1000 दूर किलोमीटर वो इराक और सीरिया के थ्रू अपनी आर्मी तो भेज नहीं पाएगा इजराइल और यही ईरान ने एक लॉन्ग टर्म स्ट्रेटजी बनाई बैलस्टिक मिसाइल्स में इन्वेस्ट करने की स्ट्रेटजी बैलस्टिक मिसाइल्स बहुत तेज मिसाइल्स होते हैं बहुत दूर तक जा सकते हैं लॉन्च के टाइम पर एक ताकतवर रॉकेट इंजन की जरूरत होती है जो मिसाइल को एटमॉस्फियर से बिल्कुल ऊपर के हिस्से में ले जाता है फिर वहां मिसाइल का एक कर्व्ड पाथ फॉलो करता है फिर अंत में नीचे आते-आते बेहद तेजी से एक साउंड की रफ्तार से भी ज्यादा माने पांच गुना ज्यादा छह गुना ज्यादा मार्क फाइव मार्क सिक्स जैसे रफ्तार में अपने टारगेट की तरफ बढ़ता है ऐसे मिसाइल से ईरान बिना एयर सुपीरियरिटी भी इजराइल पर हमला कर रहा है हर दिन ये टेक्नोलॉजी आसान नहीं है पर चाइना और नॉर्थ कोरिया ने मदद की थी 1987 में ईरान ने अपना पहला खुद का मेड इन ईरान बैलस्टिक मिसाइल बनाया शाहब वन जो 300 कि.मी दूर तक जा सकता है 1000 किलोग्राम का पेलोड यानी एक्सप्लोसिव कैरी कर सकता है और ये बस शुरुआत थी ईरान की सरकार ने भर-भर कर मिसाइल प्रोग्राम एंड आरएडी पर पैसा लगाया आज ईरान के पास मिडिल ईस्ट में सबसे ज्यादा बैलेस्टिक मिसाइल है सबसे एडवांस्ड मिसाइल प्रोग्राम भी है शॉर्ट रेंज और मीडियम रेंज दोनों तरह की बैलिस्टिक मिसाइल्स मौजूद हैं शॉर्ट रेंज में शाहब वन ख्वाम वन फतेह 110 जैसे मिसाइल्स हैं अभी इजराइल पे जो मिसाइल गिर रही है वो सारी मीडियम रेंज है मीडियम रेंज में ईरान के पास शादाब थ्री इमाद और गदर 110 मिसाइल खैबर शिकन जैसी रेंज जो मिसाइल्स हैं उनकी रेंज 1500 से 2000 कि.मी तक होती है और इनका बड़े लेवल पर इस्तेमाल अभी हो चुका है पर सवाल यह है कि ये आयरन डोम को कैसे चीर पाए जो फेमस आयरन डोम था अब इजराइल की एयर डिफेंस दरअसल चार मेन लेयर्स होती हैं आयरन डोम जो प्रसिद्ध आयरन डोम है वो इस लेयरिंग का सिर्फ एक हिस्सा है पहले है बेसिक लेयर जो आयरन डोम जिसे कहलाया जाता है जो हमास और हस्बुल्ला के शॉर्ट रेंज और छोटे रॉकेट्स को डील करता है उसके साथ वो निपटता है उसके बाद जो लेयर आता है उसे कहते हैं डेविड स्लिंग ये मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल्स को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
  • फिर आता है दी एरो सिस्टम तीसरा लेयर है एरो टू का जो कि शॉर्ट या मीडियम रेंज बलिस्टिक मिसाइल्स को डील करता है और चौथा लेयर है एरो थ्री का जो लॉन्ग रेंज बैलस्टिक मिसाइल को मार गिराने के लिए काम आता है और इस इजराइली एयर डिफेंस और ईरान के बैलस्टिक मिसाइल के बीच मानो टेक्नोलॉजिकल शतरंज का खेल अब चल रहा हो कि किसका मिसाइल बेटर है किसका इंटरसेप्शन बेटर है और किसके पास कितना असला बारूद है लेयर्ड एयर डिफेंस की अगर हम बात करें तो इजराइल के पास बहुत सारे रेडार सिस्टम्स हैं ईरान जैसे ही मिसाइल लॉन्च करता है इजराइल को पता चल जाता है फिर मिसाइल के टाइप के हिसाब से एयर डिफेंस सिस्टम को चुना जाता है कि कौन सा रॉकेट लांच किया जाएगा और हर ईरानी मिसाइल के लिए एक नहीं दो इंटरसेप्टर्स लांच किए जाते हैं इजराइल के पास इंटरसेप्टर है ये बात तो ईरान भी जानता है इसीलिए वो भी पीछे नहीं हटा उसने भी और आरएडी किया देखिए बैलस्टिक मिसाइल की एक प्रॉब्लम होती है कि उनका जो फ्लाइट पाथ होता है वो कहीं ना कहीं जाकर प्रिडिक्टेबल होता है एक बार रेडार ने आपको पकड़ लिया तो उसको इंटरसेप्ट करना कोई ज्यादा बड़ी दिक्कत की बात नहीं होती है ईरान के शाहब 3 मिसाइल में यही प्रॉब्लम थी तो शार्प थ्री को अपग्रेड करके इमाद और गदर मिसाइल सिस्टम बनाए गए हैं इनमें होता यह है कि ये मनुवरेबल रीएंट्री व्हीकल का एक सिस्टम एंप्लॉय करते हैं इससे होता ये है कि इमाद जैसा रॉकेट जब एटमॉस्फेयर में रीएंट्री करता है जो मिसाइल ये लंबी उड़ान के बाद भी अपने टारगेट की तरफ गिर रहा होता है लेकिन उस टाइम पर भी यह अपना रास्ता बदल सकता है एक जिगजैग रास्ता अपना सकता है इंटरसेप्टर्स को चकमा दे सकता है तो इसको गिराना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है गदर वन भी यही कर सकता है और इसके साथ सबमशंस भी लांच कर सकता है |
  • यानी गिरते वक्त छोटे-छोटे कई बम रिलीज कर दो जिसके चलते इंटरसेप्टर अगर तुम तक पहुंच भी गया तो उसका रेडार सिस्टम कंफ्यूज हो जाएगा कि कौन से बम को अब मैं मारूं ईरान ने 19th जून को ऐसे सबम्युनिशंस वाले मिसाइल का भी इस्तेमाल किया इसका एक्स्ट्रा डेंजर ये हो जाता है कि ये एक से ज्यादा एरिया पर ये हमला करता है इसका वाइड एरिया अटैक होता है और ये जब छोटे-छोटे बम जब छोड़ता है तो वो बम इमीडिएटली ना भी फट सकते हैं कई हफ्तों बाद भी एक्सप्लोजन हो सकता है और इसके साथ आता है एक और बड़ा सवाल ईरान ने दावा किया है कि वो अब हाइपरसोनिक मिसाइल्स भी तैयार कर चुका है फतह वन जैसे मिसाइल्स भी हैं उसके पास जहां दूसरे बैलिस्टिक मिसाइल्स मार्क फाइव मार्क सिक्स की रफ्तार से आते हैं अपने टारगेट की तरफ वहीं फतह वन मार्क 13 की रफ्तार से अपने टारगेट की तरफ बढ़ता है देखिए नॉर्मल बैलस्टिक मिसाइल में भी 100% इंटरसेप्शन गारंटी नहीं हो सकता है इवन फॉर द बेस्ट सिस्टम्स जो इजराइल बना ले अब आप सोचिए कि अब रफ्तार अगर मार्क 13 तक बढ़ जाए माने साउंड के रफ्तार से 13 गुना ज्यादा तो सोचिए बेस्ट से बेस्ट इंटरसेप्टर सिस्टम आपको कैसे पकड़ेगा साथ ही साथ हाइपरसोनिक मिसाइल्स धरती के पास उड़ते हैं रेडार्स को उतना टाइम भी नहीं मिलता है कि उन्हें ट्रैक किया जाए कि वो एटमॉस्फेरिक रीएंट्री कब कर रहा है ये तो जमीन के पास उड़ता उड़ता सीधे पास अपने टारगेट पहुंच जाता है पता भी नहीं चलता है फतह मिसाइल्स की एक और खासियत है शादाब इमाद गदर में लिक्विड फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है अब इस स्पेशल फ्यूल को जब आप तैयार करते हो मिसाइल को रेडी करते हो उसमें काफी टाइम लग जाता है इस अगर इजरली अगर कोई ड्रोंस है या स्कैनिंग है रेडार्स ये पिकअप कर सकती है सर्वेलेंस ड्रोन इस चीज को पिकअप कर सकते हैं और पहले ही रॉकेट को ध्वस्त कर सकते हैं इसीलिए ईरान ने फतह मिसाइल में सॉलिड फ्यूल का इस्तेमाल किया है |
  • जिससे लॉन्च टाइम भी काफी कम हो जाता है एडवांस वार्निंग नहीं मिल पाती है दूसरे साइड को और अभी तो कहा जा रहा है और भी मिसाइल्स हैं अब देखिए वॉर में काफी प्रोपगेंडा भी होता है और काफी चीजें हाइप करके भी बोली जाती हैं लेकिन ईरान का कहना है कि उसने अभी भी कुछ मिसाइल्स हैं जिसका इस्तेमाल नहीं किया है एक है हज कासिम मिसाइल जिसकी मैन्यूवरिंग कैपेबिलिटी और भी ज्यादा बतलाई जाती है और दूसरा है खुर्रम शाहार मिसाइल जिसका अभी तक ईरान ने बैलस्टिक मिसाइल्स में सबसे ज्यादा पेलोड कैरी करने की बात कही है जिससे सबसे ज्यादा बड़ा धमाका हो सकता है |
  • और ईरान कहता है यह अभी तक हमने इस्तेमाल नहीं किया है तो अब इस पूरे जंग में काफी साइंस का एक सवाल है कि किसके पास ज्यादा बेटर मिसाइल है किसके पास ज्यादा बेटर इंटरसेप्टर है और दूसरा आता है एक मैथ्स का सवाल क्या ईरान के बलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइल पहले खत्म होंगे या इजराइल के इंटरसेप्टर पहले खत्म होंगे ये जंग एक वॉर ऑफ इट्रिशन बन गया है कई सारे इजराइल और यूएस बेस्ड एनालिस्ट कह रहे हैं कि अभी ईरान के पास हजारों की संख्या में मिसाइल हो सकते हैं ये सस्ते तो नहीं आते हैं एक मिसाइल के लिए समझ लीजिए एक 100 से 200 मिलियन डॉलर तो लग जाता है पर उसी मिसाइल को रोकने के लिए 5 से 10 गुना ज्यादा रकम खर्च होती है एक इंटरसेप्टर को बनाने के लिए उसको मेंटेन करने के लिए उसे लॉन्च करने के लिए जाहिर सी बात है कि इजराइल के पास उतने इंटरसेप्टर्स नहीं है जितना ईरान के पास मिसाइल्स हैं ऊपर से ईरान ने ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग में भी महारत हासिल करके रखी है ईरान के शहीद ड्रोन को रशिया ने सक्सेसफुली इस्तेमाल किया है यूक्रेन वॉर में इन ड्रोन से ईरान अब एक स्वर्म स्ट्रेटजी बनाने की कोशिश कर रहा है कि कई सारे सुसाइड ड्रोन को एक साथ इजराइल की तरफ भेज दो उनको मजबूर करो उनको पैसा खर्च करने पर मजबूर करो फिर उनका नुकसान करो उनके इंटरसेप्टर्स को खर्च करा दो उनके वीक स्पॉट्स को ढूंढो वो जो इंटरसेप्शन रेट है 65% उससे भी नीचे ले जाओ और उसके बाद अपने असली मिसाइल्स लॉन्च कर दो और अगर ऐसा ही होता रहा तो इजराइल के लिए एक खतरनाक पॉलिटिकल इटशन भी हो सकता है एक दो महीने सोचिए अगर यह जंग चलता रहा तो सवाल ये भी उठने लगेगा कि हमारी एयर सुपीरियरिटी का क्या फायदा जब तक हमारे एयरपोर्ट हमारे ऑयल रिफाइनरीज हमारे सिटीजन सेफ नहीं है 20 जून को मरसेक ने भी कह दिया कि वो हाइफा पोर्ट से अपने ऑपरेशंस रोक रहा है अब ईरान को आर्थिक परेशानी की सेंशंस की उसको तो काफी दिनों से काफी सालों से इसकी आदत लग चुकी है वो तो महीनों तक बैलस्टिक मिसाइल्स गिरा सकता है डिस्पाइट ऑल द सेंशंस लेकिन क्या सवाल ये उठता है इजराइल्स इस बात से ओके होंगे कि उनको रात पर रात हफ्ते पर हफ्ते महीने पर महीने बंकर में रहना पड़ेगा ऐसे में ही इतनी खबर आ रही है कि कितने सारे इजराइल्स अपना देश छोड़ के दूसरे जगह चले जाए शायद इजराइल भी यह बात समझ चुका है कि जो रातोंरात ईरान के मिसाइल्स को खत्म करने का प्लान था टोटल डोमिनेशन का प्लान था वो कहीं ना कहीं खत्म हो गया है खराब हो गया है इसीलिए ट्रंप अंकल को बुलाया जा रहा है टू फिनिश द जॉब पर अमेरिका के लिए भी यह करना इतना आसान नहीं है और उनके लिए भी एक सरप्राइज है क्योंकि अब खबर आ रही है कि पेंटागन में काफी यूएस डिफेंस ऑफिशियल्स का मानना है कि फरदो के न्यूक्लियर फैसिलिटी वो इतना अंडरग्राउंड है कि अमेरिका की शक्तिशाली जो बंकर बस्टिंग जो टन्स ऑफ टू टन जो बड़ा बम है उसको भी अगर आप लगाओगे तो तबाह नहीं कर पाओगे सिर्फ और सिर्फ एक टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन से यह काम हो पाएगा जो ट्रंप और पेंटगन नहीं करना चाहते हैं इस युद्ध को न्यूक्लियर कोई नहीं बनाना चाहता है इजराइल को छोड़ के शायद यानी ये वॉर ऑफ इटशन अभी और काफी टाइम तक खींच सकता है |
  • शॉर्ट टर्म में इजराइल ने ईरान को सरप्राइज तो कर दिया एयर सुपरिटी भी मेंटेन कर लिया लेकिन जिस तरीके से ईरान ने अंडर ग्राउंड फैसिलिटीज अपनी सेफ रखी है मिसाइल और ड्रोन प्रोडक्शन की कैपेसिटी सेफ रखी है लगता है कि युद्ध अभी और खींच सकता है वो तो यूएसए का सपोर्ट है इजराइल के ऊपर और पीछे से सप्लाई और पैसा आ रहा है नहीं तो हाल ऐसे चल रहे हैं जिस रेट पर हो रही है चीजें कि नितिन याहू को ही बंकर में ना भागना पड़े और दुनिया भी कह रही है कि देखो कैसे कर्मा का चक्र घूम रहा है जिस देश ने बिना किसी ऑोजिशन के रुकावट के 55,000 लोग मार दिए गाज़ा में आज वो 24 जाने जाने के बाद इतनी बुरी तरीके से तिलमिला रहा है परेशान है अमेरिका को गुहार लगा रहा है इंटरनेशनल कम्युनिटी से सपोर्ट मांगा जा रहा है जो इंटरनेशनल कम्युनिटी गाज़ा का जेनोसाइड देखकर भी चुप रही सच ही कहा है किसी ने ऊपर वाला देख तो सब कुछ रहा है | Iron Dome Collapse: Is Israel Losing the Tech War Against Iran.

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