Boost Your Income in 30 Days: Shift Your Mindset, Transform Your Life
Boost Your Income in 30 Days: Shift Your Mindset, Transform Your Life
Boost Your Income in 30 Days: Shift Your Mindset, Transform Your Lifeदोस्तों आपसे एक सवाल है क्या आप इस बात पर दिल से विश्वास करते हैं कि आप सिर्फ और सिर्फ 30 दिनों के अंदर उतना पैसा कमा सकते हैं जो आप अभी पूरे एक साल में मेहनत करके कमाते हैं ज्यादातर लोग इस बात पर हसेंगे और फौरन कहेंगे कि ओह हो क्या बात कर रहे हो यह तो बिल्कुल असंभव है दिस इज इंपॉसिबल लेकिन दोस्तों मैं आपको बताना चाहता हूं असंभव तो उस तरह से जीते रहना है जैसा कि आप अभी जी रहे हैं इस उम्मीद में कि चीजें शायद किसी दिन अपने आप बदल जाएंगी अपने आप बदलता है क्या, कभी कुछ मेरी जिंदगी में असली बदलाव उस दिन आना शुरू हुआ जिस दिन मैंने गहराई से समझा कि मेरे बैंक अकाउंट का सबसे बड़ा दुश्मन कोई और नहीं बल्कि मेरी अपनी सोच थी मेरा माइंडसेट था और जिस पल मैंने इस सच को अपनाया बस सब कुछ बदल गया आज मैं आपके साथ वह राज शेयर करूंगा कि कैसे आप अपनी इनकम को सिर्फ 30 दिनों में कई गुना बढ़ा सकते हैं और यहां कोई झूठ के वायदे नहीं करूंगा मैं बल्कि उन सच्चे सिद्धांतों उन यूनिवर्सल लॉ के साथ आया हूं जिन्होंने ना सिर्फ मेरी बल्कि इस दुनिया भर के लाखों लोगों की जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है क्या आपने कभी रुक कर सोचा है कि कुछ लोग इतनी आसानी से अपनी इनकम को बढ़ाते चले जाते हैं |
जबकि बाकी लोग अपनी पूरी जिंदगी सिर्फ और सिर्फ संघर्ष करते रहते हैं लेकिन एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाते हैं कभी सोचा है आपने वो सच जो आपको कोई नहीं बताता वो यह है कि फिजिकल मेहनत यानी कि शारीरिक काम कभी भी दौलत और समृद्धि की चाबी नहीं रहा यह एक बहुत बड़ा झूठ है यह एक मिथ है जो हमें बचपन से सिखाया गया है हमसे कहा गया है कि बेटा खूब कड़ी मेहनत करो सारे नियमों का पालन करो ढेर सारी पढ़ाई करो एक अच्छी सी सिक्योर नौकरी हासिल करो और फिर शायद एक दिन आप सम्मान के साथ रिटायर हो जाओगे लेकिन एक पल के लिए अपने आसपास देखिए |
कितने लोग हैं जो इस रास्ते पर पूरी ईमानदारी से चले और आज सच में आर्थिक रूप से आजाद हैं फाइनेंशियली फ्री हैं सच-सच बताना बिना कोई लाग लपेट के कोई नहीं ना लगभग कोई नहीं दोस्तों सालों तक मैं भी उन्हीं लोगों में से एक था मैं आम सी नौकरियों में काम करता था टाइम पर जाता था टाइम पर आता था जो बॉस कहता वो करता था सब कुछ किया मैंने और फिर भी महीने के आखिर में पैसा बिल्स चुकाने के लिए भी पूरा नहीं पड़ता था 26 की उम्र में मेरी सालाना इनकम लगभग ₹4 लाख थी लेकिन मेरे ऊपर लगभग ₹6 लाख से ज्यादा का कर्ज था मुझे अपने फ्यूचर में कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आती थी |
मैं हमेशा ऐसा महसूस करता था जैसे मैं एक ही जगह पर खड़ी ट्रेड मिल पर बेमतलब का दौड़ रहा हूं पूरी तरह से थका हुआ हूं पसीने में भीगा हुआ हूं लेकिन मैं कहीं जा नहीं रहा हूं कहीं पहुंच नहीं रहा हूं और सबसे बुरा तो यह था कि मैंने यह मान लिया था कि गलती तो शायद मुझ में ही है मुझे और ज्यादा मेहनत करनी होगी मैंने अंदर से यही अपने आप को मोटिवेट किया मुझे कम सोना है मुझे एक्स्ट्रा शिफ्ट्स लेनी होंगी लेकिन इससे चीजें ठीक होने के बजाय ना और खराब हो गई मैं और ज्यादा थका हुआ और कंगाल महसूस करने लगा फिर एक दिन एक बहुत ही साधारण सी लगभग मामूली सी घटना ने सब कुछ हमेशा के लिए बदल दिया एक शख्स ने मुझे एक किताब दी और उसने साथ में एक लाइन कही अगर तुम ठीक वही करोगे जो इस किताब में लिखा है तो तुम वो सब कुछ पा सकते हो जो तुम अपनी जिंदगी में चाहते हो बस यह एक लाइन मेरे दिमाग में एक गूंज की तरह बस गई और मैंने अपनी जिंदगी में वो सब कुछ ट्राई कर लिया था सिवाय एक चीज के अपनी सोच अपनी माइंडसेट को बदलने के और बस वही मैंने किया मैंने अपने पूरे दिल और आत्मा से उस किताब की बातों में खुद को डुबो दिया यह एहसास ऐसा था जैसे मैं एक गहरी नींद से अचानक से जाग गया था |
दोस्तों आप विश्वास नहीं करेंगे 1 साल से भी कम समय में मेरी जिंदगी 180 डिग्री बदल चुकी थी मैं हर महीने ₹25,000 से ज्यादा कमा रहा था एक सफाई कर्मचारी शायद एक बड़े लॉयर से 10 गुना ज्यादा फिजिकल मेहनत करता हो लेकिन मार्केट हमेशा उस इंसान को ज्यादा पैसा देती है जो ज्यादा वैल्यू प्रदान करता है जो ज्यादा मूल्यवान है भले ही ये आपको न्यायपूर्ण ना लगे बट इट इज व्हाट इट इज यह बस एक नियम है जब आप इस नियम को समझ जाते हो तो आपका सवाल यह नहीं रहता कि मैं और ज्यादा काम कैसे करूं बल्कि आपका सवाल यह होता है कि मैं खुद को और ज्यादा मूल्यवान और ज्यादा वैल्यूएबल कैसे बनाऊं इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की एक बहुत ही आंख खोल देने वाली रिपोर्ट है कि दुनिया के 70% से ज्यादा लोग अपने काम से इमोशनली जुड़े हुए नहीं हैं उन्हें अपने काम से प्यार ही नहीं है 70% लोगों को सोचो प्यार ही नहीं अपने काम से इसका मतलब यह है कि ज्यादातर लोग बस जी रहे हैं एक रोबोट की तरह उठते हैं काम पे जाते हैं आते हैं खाते हैं सोते हैं फिर नेक्स्ट डे से यही वो लोग बस जी रहे हैं जिंदा नहीं हैं वह बस काम कर रहे हैं वीकेंड का इंतजार कर रहे हैं कि चलो ठीक है वीकेंड में थोड़ी सी राहत होगी अब आप मुझे बताइए बिना उस गहरे इमोशन बिना उस पैशन के कोई इंसान कैसे अबंडेंस और समृद्धि हासिल कर सकता है असंभव है यह आप थोड़े समय के लिए शायद ज्यादा कमा सकते हैं लेकिन थकान और बर्न आउट आपको नीचे गिरा देगा क्योंकि जो चीज दिल की गहराइयों से नहीं आती वो आपसे बाद में भारी ब्याज लेती है मुद्दा यह है कि आपको यह पूछना बंद करना होगा कि मुझे क्या करना चाहिए और यह पूछना शुरू करना होगा कि मुझे किस तरह का इंसान बनना चाहिए आज आपके पास में जो कुछ भी है आपकी इनकम आपके रिश्ते आपकी सेहत वह सीधे तौर पर आपके वर्तमान मैं का परिणाम है अगर आप कुछ अलग चाहते हैं तो आप वही पुरानी सोच और वही पुराना इंसान बने रहकर उसे हासिल नहीं कर सकते |
आप मक्के का बीज बोकर गुलाब का फूल नहीं काट सकते मुझे एक नौजवान की याद आती है जो अपने काम से बहुत ज्यादा निराश था उसने कहा मुझसे कि हे मैं बहुत मेहनत करता हूं मैं सुबह सबसे पहले ऑफिस आता हूं रात में सबसे देर से जाता हूं पता नहीं समझ नहीं आ रहा कि मैं आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहा हूं मैंने उसे एक सिंपल सा सवाल पूछा क्या तुम हर रोज कुछ नया सीखने के लिए पढ़ते हो उसने कहा मेरे पास इन सब चीजों के लिए टाइम नहीं है फिर मैंने पूछा क्या तुम उन लोगों से जुड़ते हो उनसे सीखते हो जो तुमसे बेहतर हैं |
जो उस मुकाम पर हैं जहां तुम पहुंचना चाहते हो फिर उसने कहा मुझे तो यहां कोई ठीक से जानता भी नहीं है मैंने कहा ठीक है अब मैंने उससे कहा दोस्त तुम एक चम्मच से सोने की खदान खोदने की कोशिश कर रहे हो और फिर शिकायत कर रहे हो कि सोना नहीं मिल रहा सोना तो वहीं है बस तुम्हें सही औजार सही टूल्स का इस्तेमाल करना होगा और दोस्तों आपके पास जो सबसे शक्तिशाली औजार है वह आपका दिमाग है यह आपकी सबसे क्रूर जेल भी हो सकता है और आपकी पूरी आजादी की चाबी भी बन सकता है यह बस इस बात पर निर्भर करता है कि तुम हर रोज इसमें क्या डालते हो क्या तुम सच में अपनी आर्थिक जिंदगी को अगले 30 दिनों में बदलना चाहते हो तो यह सोचना अभी इसी वक्त बंद कर दो कि मेहनत ही जवाब है वो नहीं है असली जवाब इस बात में है कि तुम अपने बारे में क्या विश्वास करते हो तुम्हारी अपनी नजरों में तुम्हारी क्या वैल्यू है और तुम्हारा यह दृढ़ निश्चय कि तुम उस पुरानी सोच को छोड़कर एक नई मानसिकता एक अबंडेंस माइंडसेट बनाओगे जो कमी पर नहीं बल्कि प्रचुरता पर फोकस करती है आपको यह विश्वास करने के लिए ट्रेन किया गया है कि आपको हर एक पैसे के लिए लड़ना होगा संघर्ष करना होगा लेकिन मैं आज आपको यह बताना चाहता हूं कि आप पैसा अट्रैक्ट कर सकते हैं |
आप दौलत क्रिएट कर सकते हैं लॉ ऑफ अट्रैक्शन यही कहता है कि आप एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां आपकी आमदनी आपकी अंदर की कीमत को दर्शाती है और यह सब कुछ एक सिंपल से फैसले से शुरू होता है उस ट्रेड मिल पर बेमतलब दौड़ना बंद करो और अपनी खुद की राह बनाना शुरू करो सबसे बड़ा जाल जो हमें आर्थिक आजादी से रोकता है वह ना तो हमारी बुद्धि की कमी है और ना ही मौकों की कमी वो जाल है आपके बारे में आपकी अपनी छवि आपकी सेल्फ इमेज वो एक शांत लगभग अदृश्य आत्मसीमा जो बार-बार आपके कानों में कहती है यह मेरे लिए नहीं है मैं इस लायक नहीं हूं मैं उस तरह का इंसान नहीं हूं ऐसी बातें और ज्यादातर लोग इस आवाज को समझ ही नहीं पाते हैं अंदर से मैं भी खुद को वही बिना पढ़ा लिखा कंगाल लड़का समझता था जिसने कभी कोई बड़ी सफलता नहीं पाई थी यह छवि यह सेल्फ इमेज मेरी असली अट्रैक्शन का सेंटर पॉइंट थी जब तक यह नहीं बदली बाहर कुछ भी नहीं बदला यह तभी हुआ जब मैंने उस गहरी सोच को समझा जिसे हम सेल्फ इमेज कहते हैं और मैंने उसे पूरे होशो हवास सचेत रूप से फिर से बनाना शुरू किया मेरी जिंदगी जादू की तरह बदलने लगी सच कह रहा हूं मैं क्योंकि सच बहुत सरल है लेकिन उतना ही शक्तिशाली आप कभी भी उससे ज्यादा पैसा नहीं कमाएंगे जितना आप खुद को उसके योग्य मानते हैं |
आपका बैंक अकाउंट सिर्फ उस मूल्य का उस वैल्यू का बाहरी प्रतिबिंब है जो आप अपने अंदर खुद को देते हैं आपकी सेल्फ इमेज एक आंतरिक थर्मोस्टेट की तरह काम करती है अगर यह एक सीमित आय के लेवल पर सेट है तो चाहे कुछ भी हो जाए आप हमेशा घूम फिर कर उसी लेवल पर वापस आ जाएंगे आप थोड़े समय के लिए ज्यादा कमा सकते हैं जैसे लॉटरी जीतने वाले लोग या कुछ खिलाड़ी जो जल्दी अमीर हो जाते हैं लेकिन अगर उनकी आंतरिक छवि उनका सबकॉन्शियस माइंड अभी भी कमी की स्थिति में प्रोग्राम्ड है तो वो सब कुछ बहुत जल्द खो देंगे और यही वजह है कि 70% लॉटरी विजेता कुछ ही सालों में फिर से गरीब हो जाते हैं क्योंकि उन्होंने कुछ ऐसा पा लिया था जिसे संभालने के लिए उनका दिमाग उनका माइंड सेट तैयार ही नहीं था यह छवि बचपन से बनना शुरू हो जाती है उन वाक्यों से जो हम सुनते हैं जैसे कि पैसा पेड़ों पर नहीं उगता भाई अरे बाप रे जिंदगी बहुत कठिन है ओहो कुछ पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और पैसा तो अमीरों के पास होता है यह बातें हमारे अवचेतन मन हमारे सबकॉन्शियस माइंड में गहराई से जम जाती हैं और समय के साथ आप इसे ही सच मानने लगते हैं आप विश्वास करने लगते हैं कि अमीर लोग बेईमान होते हैं पैसा खतरनाक होता है और समृद्धि पाने के लिए बहुत कुछ कुर्बान करना पड़ता है ऐसा आप मान लेते हैं और इससे भी बुरा यह होता है कि आप खुद को एक पीड़ित एक विक्टिम की भूमिका में देखने लगते हैं इकॉनमी के कारण सरकार के कारण किस्मत के कारण परिवार के कारण लेकिन सबसे बड़ा बदलाव तो तब आता है जब आप यह समझते हैं कि आप वह भूमिका नहीं है जो आपको दी गई है आप अपनी कहानी के पटकथा लेखक हैं यू आर द राइटर ऑफ योर ओन स्टोरी आप अपनी सेल्फ इमेज को बदल सकते हैं और जब आप ऐसा करते हैं तो आपकी एनर्जी आपका व्यवहार और आपके निर्णय बदल जाते हैं जब आप अंदर से बाहर की तरफ बदलते हैं |
तो बाहरी दुनिया के पास आपको जवाब देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता लेकिन इसके लिए कुछ ऐसा चाहिए जो बहुत कम लोग करने को तैयार हैं अपने अंदर पूरी ईमानदारी से देखना और पूछना मैं सच में कौन हूं क्योंकि इस सवाल का जवाब ही आपके आसपास हर चीज को आकार देता है आपकी इनकम का लेवल आपको मिलने वाले अवसर जिन लोगों को आप अट्रैक्ट करते हैं सब कुछ अंदर से आता है अच्छी खबर यह है कि अगर आपने यह सीमित छवि बनाई है तो आप एक नई सशक्त स्पष्ट और शक्तिशाली छवि भी बना सकते हैं पहले मैं खुद को वो इंसान समझता था जिसे अगर महीने के आखिर में थोड़े पैसे बच जाते थे तो वह खुद को लकी मानता था आज मैं खुद को वो इंसान समझता हूं जो वैल्यू पैदा करता है लोगों की नजरों में योगदान देता है और बड़ी सहजता से समृद्धि को अपनी तरफ आकर्षित करता है यह बदलाव एक दिन में नहीं हुआ लेकिन यह एक निर्णय से शुरू हुआ खुद की उस संकुचित छवि को स्वीकारना बंद करने का निर्णय आपको अपनी जिंदगी की कल्पना यानी कि विजुअलाइजेशन करनी शुरू करनी होगी जो आप चाहते हैं उसे एक दूर का सपना नहीं बल्कि एक आंतरिक वास्तविकता के रूप में देखें अपनी आंखें बंद करें और खुद को उस आजादी आराम और सहजता के साथ जीते हुए देखें महसूस करें कि बिना पैसे की चिंता के सुबह जागना कैसा होगा अपने समय का मालिक होना कैसा होगा अपने परिवार की बेहतरीन देखभाल करना लोगों की जिंदगी पर एक पॉजिटिव प्रभाव डालना कैसा होगा यह कल्पना नहीं है यह अभ्यास है यह निर्णय है क्योंकि इस भौतिक दुनिया में जो भी है वो दो बार बनाया गया है पहले दिमाग में और फिर पदार्थ में यानी कि रियलिटी में अगर आप सोच रहे हैं जैसे लेकिन मैं तो कभी ऐसा नहीं था मेरे अंदर कभी इतना कॉन्फिडेंस नहीं था तो आप यह जान लें कि आपको पहले से वैसा होने की जरूरत नहीं है आपको बस अब इसी पल वैसा होने का फैसला करना है आज जो छवि आप अपने अंदर बनाए रखने का चयन करते हैं |
वह आपके पिछले सभी वर्जन से ज्यादा शक्तिशाली है इसीलिए हर दिन हर सुबह पूरी दृढ़ता से अपने आप से कहें मैं समृद्ध हूं मैं प्रचुर हूं मैं अबंडेंस का एक मैग्नेट हूं मैं जीवन की सारी अच्छी चीजें पाने का हकदार हूं यह सस्ती सेल्फ हेल्प नहीं है दोस्तों यह मानसिक रूप से खुद को दोबारा प्रोग्राम करना है आईने में खुद को सीमाओं वाले इंसान के रूप में देखना बंद करिए और संभावनाओं से भरे इंसान को देखना शुरू करिए हर उस चीज के लिए शुक्रिया अदा करें जो आपके पास है ग्रेटट्यूड की प्रैक्टिस आपकी वाइब्रेशन को बढ़ा देगी क्योंकि आपका अगला लेवल केवल दूसरों की आपके बारे में राय नहीं बल्कि आपकी खुद पर विश्वास तय करेगा अगर आप अपने इस विश्वास को बदल लें तो सब कुछ बिल्कुल सब कुछ बदलना शुरू हो जाता है यह नहीं कि आप कितना मेहनत करते हैं जो आपकी कमाई तय करता है बल्कि यह है कि आप पैसे के नियम को अबंडेंस के लॉ को कितना गहराई से समझते हैं यह स्वीकार करना सबसे मुश्किल सच्चाइयों में से एक है खासकर तब जब आपने पूरी जिंदगी यही सुना हो कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है लेकिन ऐसे लोगों को देखा है क्या वाकई में मेहनत ही सफलता की कुंजी | Boost Your Income in 30 Days: Shift Your Mindset, Transform Your Life.