7th July Public Holiday in India for Muharram?
मुहर्रम, इस्लामिक कैलेंडर का दूसरा पवित्र महीना, मुसलमानों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह न केवल इस्लामी नववर्ष की शुरुआत करता है, बल्कि हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का अवसर भी है। साल 2025 में मुहर्रम 27 जून से शुरू हुआ और इसका चरम अशूरा के दिन आता है, जो इस बार 6 जुलाई 2025, रविवार को मनाया जाएगा।
मुहर्रम और अशूरा का महत्व
मुहर्रम को इस्लाम में चार पवित्र महीनों में से एक माना गया है। हज़रत इमाम हुसैन, जो हज़रत अली के बेटे और पैगंबर मुहम्मद के नवासे थे, की 680 ईस्वी में करबला की जंग में शहादत हुई थी। यही घटना इस महीने को खास बनाती है।
अशूरा, यानी मुहर्रम का 10वां दिन, इमाम हुसैन और उनके साथियों की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। यह दिन न्याय, सच्चाई और धर्म के लिए बलिदान का प्रतीक है।
ताज़िया और जुलूस की परंपरा
मुहर्रम के दौरान खासतौर पर शिया मुस्लिम समुदाय के लोग ताज़िया जुलूस निकालते हैं।
ताज़िया क्या है?
- ताज़िया इमाम हुसैन की कर्बला में मजार का प्रतीक है।
- ये अक्सर बांस, रंग-बिरंगे कागज और कपड़ों से बनाए जाते हैं।
- रात में इन पर रंगीन लाइटें लगाकर रोशनी की जाती है।
जुलूस का आयोजन
- लोग काले कपड़े पहनते हैं और “या हुसैन”, “या अली” के नारे लगाते हुए सीने पर मातम करते हैं।
- कई जगहों पर खुद को चोट पहुँचाकर (self-flagellation) इमाम हुसैन की तकलीफों को याद किया जाता है।
- जुलूस में ताज़िया को अंतिम दिन कब्रिस्तान ले जाकर दफनाया जाता है।
अशूरा पर रोज़ा रखना
समुदाय के लोग इस दिन रोज़ा रखते हैं। इस्लामी मान्यता के अनुसार, यह वही दिन है जब अल्लाह ने हज़रत मूसा (Prophet Moses) और उनके अनुयायियों को फिरऔन से बचाने के लिए समुद्र को दो भागों में विभाजित किया था।
मुहर्रम 2025: कब है अशूरा?
तारीख | विवरण |
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27 जून 2025 | मुहर्रम का पहला दिन |
6 जुलाई 2025 | अशूरा (मुहर्रम का 10वां दिन) |
छुट्टियां और पब्लिक अलर्ट
6 जुलाई 2025 (रविवार) को अशूरा के अवसर पर भारत के कई राज्यों में:
स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
बैंकिंग सेवाओं पर भी छुट्टी लागू होगी।
कई राज्यों ने सार्वजनिक जुलूसों के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
