Hype vs Reality The Vijay Mallya story

Hype vs Reality The Vijay Mallya

Hype vs Reality The Vijay Mallya

Hype vs Reality The Vijay Mallya 28 फरवरी 2016 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कुछ बड़े अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के लॉयर दुष्यंत दवे से मिलते हैं इनकी मुलाकात का मुद्दा था विजय माल्या वही विजय मालिया जिन पर एलेजिडली लगभग ₹9000 करोड़ का कर्ज था इस मीटिंग में दुष्यंत दवे एसबीआई से सीधे तौर पर कहते हैं कि उन्हें लगता है कि विजय माल्या देश से भाग सकते हैं वह सलाह देते हैं कि उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट इमीडिएटली जाना चाहिए अगला दिन 29 फरवरी एसबीआई के अधिकारियों को सुबह दुष्यंत दवे से मिलना था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की जानी थी लेकिन एसबीआई के अधिकारी दवे से मिलने नहीं आते यह सिर्फ 5 दिन बाद फिफ्थ मार्च को ही होता है कि एसबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन डाली जाती है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी विजय मालिया 02 मार्च को ही देश छोड़कर जा चुके थे इस घटना के 9 साल बाद अब विजय मालिया एक पॉडकास्ट करते हैं यूट्यूबर राज शमानी के साथ इसमें वो कहते हैं कि वह देश छोड़कर भागे नहीं थे बल्कि फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली को बताकर जेनीवा गए थे “आई टोल्ड द फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली बिफोर लीविंग फॉर द एयरपोर्ट एंड देन आई फ्लू” 4 घंटे से ज्यादा लंबे इस पॉडकास्ट में वो अपने ऊपर लगे अलग-अलग आरोपों को डिफेंड करते हैं|

वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं ये बताने की कि उनकी कोई गलती नहीं थी यहां पर एक बड़ा महत्वपूर्ण सवाल कि क्या यह पॉडकास्ट अब सिर्फ एक जरिया बन गए हैं लोगों के पीआर के लिए आज विजय मालिया राजमानी के साथ पॉडकास्ट पर बैठे हैं क्या वह सही में विक्टिम है किसी साजिश का शिकार हैं या फिर उनके क्राइम्स को यहां वाइट वाश किया जा रहा है मैंने पूरा पॉडकास्ट देखा और काफी टाइम से इस मुद्दे को फॉलो किया है आइए न्यूज़ रिपोर्ट्स फैक्ट्स और विजय मालिया के खुद के जवाबों के आधार पर जानने की कोशिश करते हैं यहां पर एक्चुअली में सच्चाई क्या है|

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सबसे पहला आरोप विजय मालिया पर लगता है अपने किंगफिशर एयरलाइंस के एंप्लाइजस को सैलरी ना देने का यह मिड 2012 के अराउंड हुआ था जब एयरलाइन के एम्प्लाइजस को सैलरी मिलना बंद हो गई थी 20 अक्टूबर 2012 से एयरलाइंस ने अपनी सारी फ्लाइट्स बंद कर दी थी और 31 दिसंबर 2012 को डीजीसीए ने फॉर्मली इस एयरलाइन का लाइसेंस कैंसिल कर दिया था सो द क्राइसिस रिटेन एयरलाइंस लाइसेंस हैज़ नाउ बीन सस्पेंडेड बाय द डीजीसीए जनवरी 2013 की इस एम्प्लाइजस को ऑलरेडी 8 महीने हो गए थे काम करते हुए और 8 महीने से उनको सैलरी नहीं मिली थी अब अपने 2025 के इस पॉडकास्ट में मालिया कहते हैं कि वो अपने ए्प्लाइजस की बहुत केयर करते हैं आई वुड आस्क एनीवन टू चेक ऑन हाउ आई केयरर्ड फॉर माय एम्प्लाइज आई वास प्राउड ऑफ द केयर दैट आई गव टू माय एम्प्लाइज उन्होंने पूरी कोशिश करी थी सैलरीज पे करने की लेकिन कर्नाटका हाईकोर्ट ने उनके फंड्स को सीज कर लिया था और उसकी वजह से वो सैलरीज कभी पे नहीं कर पाए देयर वाज मनी लाइंग इन डिपॉजिट विथ द कर्नाटका हाईको आई स्पेसिफिकली अप्लाइड टु कोर्ट टू पे द सैलरी स्टाफ द बैंक्स ऑब्जेक्टेड एंड द कोर्ट रिफ्यूज द परमिशन एक्चुअली पूरे पॉडकास्ट में जब-जब बात सैलरीज पे करने की उठती है बार-बार माल्या इसी कर्नाटका हाई कोर्ट वाले आर्गुमेंट का इस्तेमाल करते हैं द कॉमन पर्सन डिडंट नो दैट अपॉन ऑब्जेक्शन बाय द सेम बैंक्स कर्नाटका हाई कोर्ट डिक्लाइन टू टू अग्री टू ड्रॉइंग रेडीली अवेलेबल कैश टू पे द सैलरीज लेकिन यहां दो चीजें हैं जिनको वो ढंग से क्लेरिफाई नहीं करते पहला कर्नाटका हाईकोर्ट ने एक्चुअली में 2013 में किंगफिशर एयरलाइंस के कुछ फंड्स को सीज किया था जबकि एम्प्लाइजस को सैलरी मिलनी मिड 2012 से ही बंद हो गई थी तो क्या सैलरी ना पे कर पाने का ब्लेम हाई कोर्ट पर डालना सही है क्या दूसरा 2013 में जब मालिया ने हाई कोर्ट के सामने पिटीशन डाली थी कि वो सैलरी पे करना चाहते हैं अपने एंप्लाइजस की तो उस पिटीशन में सिर्फ एक महीने की सैलरी की बात की गई थी सिर्फ ₹13 करोड़ रिलीज करने की बात की गई थी पूरी पेंडिंग सैलरी नहीं यह बात सच है कि हाईकोर्ट ने उनकी पिटीशन को रिजेक्ट कर दिया था लेकिन अगर एक्सेप्ट भी कर लिया होता तो भी एंप्लाइजस को सिर्फ एक ही महीने की सैलरी मिलती जबकि एक्चुअली में 8 महीने की सैलरी उनसे छीनी जा रही थी| Hype vs Reality The Vijay Mallya story.

  • टोटल में कंपनी के करीब 3000 एंप्लाइजज़ की ₹300 करोड़ की सैलरी पे नहीं की गई है आज तक पे नहीं की गई है इनमें से कई एंप्लाइजज़ की तो 25 से 50 लाख तक की सैलरी पेंडिंग है उनसे पूछा जाता है कि बाकी कंपनीज़ भी तो थी उनकी जो सक्सेसफुल थी उन कंपनीज़ से आने वाले पैसे का क्यों नहीं इस्तेमाल कर लिया इन एम्प्लाइजस की सैलरीज को पे करने के लिए तो जवाब में विजय माल्या कहते हैं किंगफिशर उनकी इकलौती प्रायोरिटी नहीं थी लाइफ में माई ओनली एसेट एंड लायबिलिटी इन लाइफ वाज़ Kingfisher एयरलाइंस नथिंग एल्स दैट्स द वे आई शुड हैव बिहेव राइट सो सैडली इफ वन कंपनी फेल्स इज इट योर सजेशन दैट द होल ग्रुप मस्ट फेल अब एक तरफ तो यहां पर एम्प्लाइजस की सैलरी नहीं पे की जा रही थी और दूसरी तरफ विजय मालिया खुद से बड़ी-बड़ी लग्जरियस लैविश पार्टीज थ्रो कर रहे थे दिसंबर 2015 में अपने 60th बर्थडे पर मालिया ने गोवा में एक बहुत बड़ी पार्टी की जो दो दिन तक चली इसमें लगभग 200 गेस्ट आए ताज होटल में रहे स्पेनिश पॉप स्टार एनरी के ग्लासियस और सोनू निगम जैसे लोगों को बुलाया गया उन्होंने स्पेशल परफॉर्मेंस दी और फोब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस पार्टी पर लगभग ₹13 करोड़ खर्च किए गए थे तो जाहिर सी बात है एक अरबपति जो अपनी एक पार्टी पर ₹13 करोड़ खर्च कर सकता है वो अपने किंगफिशर एयरलाइंस के एम्प्लाइजस को ₹300 करोड़ क्यों नहीं पे कर सकता एक्चुअली में जब पार्टीज को लेकर सवाल पूछा गया तो विजय मालिया को इसमें कुछ गलत नहीं लगा जो उन्होंने किया पेड फॉर इट माइसेल्फ किंग फिशर एयरलाइंस वाज़ इन नो पोजीशन टू पे| मोटे-मोटे तौर पर उनका आर्गुमेंट यही था कि मैं एक बड़ा बिजनेसमैन हूं मेरी दो-तीन और सक्सेसफुल कंपनीज़ है एक कंपनी फेल हो गई तो क्या हुआ इस कंपनी के एम्प्लाइजस को अगर सैलरी नहीं मिल रही तो कंपनी फेल है इसलिए नहीं मिल रही लेकिन मैं तो एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन हूं मैं तो यह पार्टीज कर सकता हूं मैं कितना भी पैसा खर्च करूं क्योंकि मेरी वो और कंपनीज़ हैं इस सिचुएशन पर तब के आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने भी कमेंट किया था उन्होंने कहा था| जब आप पर बहुत सारा पैसा उधार है तब अगर आप अपनी बर्थडे पार्टीज को इस तरीके से फ्लॉन्ट करोगे तो उससे जनता को यही लगेगा कि आपको कोई परवाह नहीं है और सैलरी देना तो छोड़िए किंगफिशर एयरलाइन एंप्लाइजस की सैलरी से जो टैक्स काट रही थी वो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जमा भी नहीं किया जा रहा था जबकि कानून के मुताबिक 7 दिन के अंदर-अंदर यह टैक्स जमा करना होता है इसके कारण एंप्लाइजस को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस मिलने लगे थे और बताओ विजय मालिया कहते हैं कि वो अपने एम्प्लोईस की बहुत केयर करते हैं आई वाज प्राउड ऑफ द केयर दैट आय गेव टू माय एम्प्लोईस व्हाई वुड इट बी डिफरेंट फॉर किंग फिशर एम्प्लोईस पॉडकास्ट में मालिया ने दूसरा बड़ा दावा किया कि उन्होंने खुद एक भी पैसा उधार नहीं लिया सिर्फ किंगफिशर एयरलाइंस ने पैसा उधार लिया था फर्स्ट ऑफ आल लेट मी क्लेरिफाई हियर व्हेन यू कीप सेइंग यू बोरोड इट वास किंगफिशर एयरलाइंस द रनिंग कंपनी दैट बोरोड आई वाज़ अ गारंटी प्लीज देयर इज़ अ बिग डिफरेंस अब यह दावा टेक्निकली तो सही है लेकिन केवल आधा सच है माल्या ने भले ही खुद लोन ना लिया हो लेकिन किंगफिशर एयरलाइंस ने जो भी लोन लिया था उसमें माल्या पर्सनल गारंटर थे और गारंटर लोन चुकाने के लिए लीगली बाइंडिंग होता है यह चीज सिर्फ इंडियन कोर्ट्स ही नहीं बल्कि यूके के कोर्ट्स भी कह चुके हैं कि किंग फिशर एयरलाइंस का लोन चुकाना मालिया की कानूनी जिम्मेदारी है अपने आप को डिफेंड करते-करते मालिया यह तक कह जाते हैं पडकास्ट में कि यह सारा मामला लोन ना चुकाने का था और उनके ऊपर कोई और क्रिमिनल एलिगेशन नहीं है हैव आई स्टोलन मनी फ्रॉम द बैंक्स हैव आई डन एनी मनी लॉन्ड्रिड ,देयर इज नो अदर क्रिमिनल एलगेशन अगेंस्ट मी इट्स ऑल अबाउट मनी यह बात भी झूठ है ईडी ने मालिया के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया हुआ है मनी लॉन्ड्रिंग एक क्रिमिनल ऑफेंस है ईडी के मुताबिक किंगफिशर एयरलाइंस ने लोन में से ₹3547 करोड़ दूसरे कामों के लिए ट्रांसफर किए जो मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है अप्रैल 2008 से लेकर मार्च 2012 के बीच प्लनेस की ज्यादा लीज़ दिखाकर ₹3432 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की गई इसके अलावा SBI और PNB से मिले 4542 करोड़ों से एक कॉर्पोरेट जेट की लीस्ट चुकाई गई है जिसे मालिया और उनके परिवार ने पर्सनल जेट की तरह इस्तेमाल किया इस सवाल पर एक्चुअली में मालिया ने जवाब भी दिया था दे सेड आई मिस यूज्ड इट आई मिसय यूज़्ड इट फॉर पर्सनल ट्रिप्स यू थिंक इफ यू सी द लाइन ऑफ़ प्राइवेट जेट्स स्टार्टिंग फ्रॉम मिस्टर अंबानीज इन बॉम्बे एयरपोर्ट एंड आस्क देम हु यूज़ योर जेट्स यू विल गेट द आंसर मतलब यह प्राइवेट जेट का मिसयूज करना डिनाई नहीं करते हैं बस बात को डायवर्ट कर देते हैं यह इनडायरेक्टली कहकर कि देखो अंबानी वंबानी भी यह करते हैं

फ्यूल एयरपोर्ट चार्जेस होटल्स और बाकी ऑपरेटिंग एक्सपेंसेस चुकाने के नाम पर यूके में 50.90 करोड़ मालिया ने फार्मूला वन टीम फोर्स इंडिया को डाइवर्ट की द किंग ऑफ़ गुड टाइम्स विजय मालिया बैड अनदर प्लम डील एस ही बोट अ फार्मूला वन टीम इट्स टर्निंग आउट टू बी अ वेल थॉट आउट बिज़नेस स्ट्रेटजी यह मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की लिस्ट बहुत लंबी है चलती जाती है 2008 में SBI के लोन में से 159 करोड़ IPL टीम रॉयल चैलेंजेस बैंगलोर को मल्टीपल अकाउंट्स से घुमा फिरा कर डायवर्ट किए क्योंकि SBI ने ऐसा करने से मना कर दिया था पॉडकास्ट में इस पर मालिया ने कहा कि यह पैसे अंपायर्स की जर्सी पर लगने वाले किंगफिशर के एड्स की फी के तौर पर आरसीबी को दिए गए थे लेकिन अगर यह एडवरटाइजिंग फीस थी तो एसबीआई ने इसे ट्रांसफर करने से मना क्यों किया था एक और आरोप मालिया पर लगा है कि उन्होंने अप्लाई करने से पहले ही आईडीबीआई के अधिकारियों को लोन पास करने के लिए तैयार कर लिया था किंगफिशर एयरलाइंस की नेगेटिव नेटवर्थ और लो क्रेडिट रेटिंग के बाद भी बैंक के अधिकारियों ने इस लोन को बिना कोलटरल मंजूरी दे दी इस एयरलाइंस पर IDBI बैंक से लोन लेते वक्त ओवरवैल्यूएशन दिखाने का आरोप भी था उन्होंने बैंक को कंसलटेंसी फर्म ग्रैंड थर्नटॉन की एक रिपोर्ट दी जिसमें एयरलाइन की ब्रांड वैल्यू्यूएशन ₹346 करोड़ बताई गई थी लेकिन यह वैल्यू्यूएशन फ्यूचर के रेवेन्यू प्रोजेक्शन के आधार पर थी और किंगफिशर एयरलाइंस ने यह बात IDBI बैंक को नहीं बताई थी कॉर्पोरेट गारंटी देते वक्त भी ऐसा ही कुछ किया गया था नवंबर 2008 में मालिया की यूनाइटेड ब्ररीज होल्डिंग ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए कॉर्पोरेट गारंटर बनते समय अपनी वैल्यू ₹36 करोड़ बताई जबकि 31 मार्च तक कंपनी की नेटवर्थ सिर्फ ₹55 करोड़ ही थी और सुनो माल्या पर विदेश में प्रॉपर्टी को छिपाने के आरोप भी लगे हैं ईडी की एक चार्जशीट के मुताबिक 2010 में जब किंगफिशर एयरलाइंस के लोंस को रिस्ट्रक्चर किया गया तब विजय मालिया ने लोंस के लिए पर्सनल गारंटी देते वक्त अपनी संपत्ति कम बताई ईडी की मानें तो उनके पास इस वक्त तक ₹3164 करोड़ की संपत्ति थी लेकिन उन्होंने बैंक्स को अपनी संपत्ति केवल ₹1395 करोड़ बताई ईडी के मुताबिक मालिया की यूके यूएस और बाकी देशों में बहुत प्रॉपर्टीज हैं जिनके बारे में उन्होंने जानबूझकर बैंक्स को नहीं बताया इसके अलावा किंगफिशर एयरलाइंस ने एलेजिडली एक और फ्रॉड किया था 2012 से 2015 के बीच में उन्होंने पैसेंजर से तो ₹100 करोड़ से ज्यादा का सर्विस टैक्स लिया लेकिन यह टैक्स डिपार्टमेंट को जमा ही नहीं किया गया इतने सारे आरोपों के बाद भी यह बड़ी हैरानी वाली बात है कि विजय मालिया पॉडकास्ट में कहते हैं कि उनके खिलाफ कोई क्रिमिनल एलिगेशन नहीं है मालिया ने एक जगह पर यह भी कहा कि विलफुल डिफॉल्टर होना कोई क्राइम नहीं है विलफुल डिफॉल्टर इज अ पर्सन हु कैन पे एंड हु डजंट पे दैट्स अ क्राइम विलफुल डिफॉल्टर वो होता है जिसके पास पैसे होते हैं लेकिन फिर भी वह कर्ज नहीं चुकाता अगर यह बैंक से चोरी नहीं है तो और क्या है या सिर्फ बैंक की ब्रांच की दीवार तोड़कर अगर डकैती की जाए सिर्फ तभी उसे चोरी कहा जाएगा अगला बड़ा दावा पॉडकास्ट में मालिया करते हैं कि बैंक्स का उनके ऊपर ₹23 करोड़ का कर्ज था ₹9000 करोड़ का नहीं जैसा मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है और वह कहते हैं कि ढाई गुना यानी ₹14000 करोड़ रिकवर ऑलरेडी किया जा चुका है इसके लिए मालिया ने बेंगलुरु के द डे्स रिकवरी ट्रिब्यूनल के 2017 के एक ऑर्डर को दिखाया है जिसमें ₹6,23 करोड़ का अमाउंट लिखा गया है पे अ सम ऑफ़ ₹6,23 करोड़ वि फर्दर इंटरेस्ट एट द रेट ऑफ़ 11.5% पर एनम विद इयरली रेस्ट फ्रॉम द डेट ऑफ द एप्लीकेशन दैट इज 25th जून 2013 यानी कि अमाउंट ₹6000 करोड़ पर खत्म नहीं होता है इसमें लिखा गया है कि 2013 के बाद जितने भी साल बीते हैं उनपे 11.5% का इंटरेस्ट लगाओ इस ₹6000 करोड़ के ऊपर और यही कारण रहा होगा जिसकी वजह से मीडिया में ₹9000 करोड़ और ₹14000 करोड़ के फिगर्स पे हालांकि एग्जैक्टली यह नंबर कैसे आया यह चीज अभी भी क्लियर नहीं है क्योंकि बैंक्स ने कोर्ट को स्टेटमेंट नहीं दिया है तो इस चीज की क्लेरिफिकेशन एक्चुअली में बैंक्स को देने की जरूरत है लेकिन मोस्ट लाइकली मालिया का यह क्लेम ₹6000 करोड़ का ही कर्ज है गलत है पॉडकास्ट में मालिया यह भी दावा करते हैं कि उन्होंने 2012 से लेकर 2015 के बीच चार बार बैंक्स को सेटल करने का ऑफर दिया लेकिन उन्होंने एक्सेप्ट नहीं किया आई मेड फोर सेटलमेंट ऑफर्स टू द बैंक्स बिटवीन 2012 टू 2015 यस व्हिच दे रिफ्यूज टू एक्सेप्ट अब इस चीज पर यकीन करना एक्चुअली में बहुत मुश्किल है क्योंकि 2012 से लेकर 2015 तक हमारी टीम ने सारे न्यूज़ आर्टिकल्स छानने की कोशिश करी लेकिन इसका एक भी सबूत नहीं मिला कि विजय मालिया ने इस टाइम पीरियड में कोई भी सेटलमेंट का ऑफर दिया हो पॉडकास्ट में जब विजय मालिया से पूछा जाता है कि इसका सबूत क्या है कि आपने सेटलमेंट का ऑफर दिया था इस टाइम पीरियड में तो वो कहते हैं कि इसका सबूत सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड्स में है बट इज देयर एनी प्रूफ डू यू हैव व्हेयर यू ऑफर्ड देम सेटलमेंट एंड दे डिडन्ट एक्सेप्ट व्हाट बेटर प्रूफ देन द रिकॉर्ड्स ऑफ द सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया पब्लिक डॉक्यूमेंट्स तो यहां पर मैं विजय माल्या से कहूंगा प्लीज इन सबूतों को इन सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड्स को पब्लिक के सामने दिखाइए इंटरव्यू में एक और पॉइंट पर माल्या कहते हैं कि उन्होंने 2016 के आसपास चार सेटलमेंट ऑफर्स दिए थे तो यह चीज सच है लेकिन 2016 में जो उनका पहला ऑफर था वो सिर्फ ₹4000 करोड़ का था और यह ऑफर उन्होंने तभी दिया था जब वो देश छोड़कर चले गए थे और मीडिया ने उन्हें ऑलरेडी फ्यूजी डिक्लेअर कर दिया था यहां एक यह बहुत ही बढ़िया आर्टिकल लिखा है के गिरी प्रकाश जी ने जो मैं आपको सजेस्ट करना चाहूंगा यह एक जर्नलिस्ट हैं जिन्होंने किताब लिखी थी द विजय मालिया स्टोरी इस आर्टिकल में इन्होंने विजय मालिया के कई सारे और क्लेम्स को भी फैक्ट चेक किया है लिंक डिस्क्रिप्शन में एक सवाल यहां पर यह भी उठता है कि अगर मालिया खुद से पर्सनली बैंककरप्ट नहीं हुए थे

2016 तक तो वो सेटलमेंट का ऑफर क्यों दे रहे थे पूरा पैसा वापस क्यों नहीं लौटा रहे थे सिर्फ देश से भागने के बाद ही उन्होंने बिना शर्त के पूरा पैसा चुकाने का ऑफर दिया था मई 2020 में कोविड पेंडेमिक के दौरान उन्होंने कहा कि वो बिना किसी शर्त के 100% लोन चुकाने को तैयार हैं अब पूरा पडकास्ट कहीं ना कहीं इसी चीज को साबित करने की कोशिश कर रहा था कि मैं चोर नहीं हूं विजय मालिया चोर नहीं है मालिया कहते हैं कि अगर वो चोर हैं तो बैंक्स पैसा रिकवर करने में कैसे कामयाब रहे यू फ्रोज माय एसेट्स इन 2016 हम्म यू कांट फ्रीज एसेट्स एफ अ पर्सन ऑन वन हैंड

एंड कॉल हिम अ चोर ऑन दी अदर हैंड आई एम् प्रॉबेब्ली द ओनली चोर हु हैज़ बीन कॉल्ड चोर आफ्टर रिपेइविंग टू एंड हाफ टाइम्स अब यह कैसा लॉजिक हुआ अगर चोर ने चोरी करी है और पुलिस ने चोरी का सारा पैसा वापस ले लिया है तो क्या इसका मतलब यह हुआ कि चोर चोर नहीं है सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस चीज का बड़ा मजाक भी बनाया कि थंबनेल पर लिखा है आई एम नॉट अ चोर विजय मालिया के पॉडकास्ट में ऐसे ही वो मोर के साथ पॉडकास्ट किया तो थंबनेल पर लिखा होगा आई नेवर वांटेड टू किल हैरीपॉटर बात यहां यह नोट करने वाली है कि माल्या ने अपनी मर्जी से वो पैसे नहीं दिए हैं उनसे पैसे जबरदस्ती रिकवर किए गए हैं अगर बैंकों ने पैसा रिकवर कर लिया है या एसेट्स को फ्रीज़ कर लिया है तो इससे फ्रॉड या क्राइम कम नहीं हो जाता ऐसे तो हर इकोनॉमिक ऑफेंडर अपनी संपत्ति जब्त होने के बाद कह सकता है कि भाई मेरे गुनाह तो माफ हो गए हैं पॉडकास्ट में एक और इंटरेस्टिंग दावा माल्या करते हैं कि 2008 की इकोनॉमिक रिसेशन के बाद वो फाइनेंस मिनिस्टर प्रणव मुखर्जी से मिलने जाते हैं वो कहते हैं कि वो किंगफिशर को डाउन साइज करना चाहते हैं और लोगों को नौकरी से निकालना पड़ेगा लेकिन प्रणव मुखर्जी ने कहा कि अभी कनेक्टिविटी और जॉब्स इंपॉर्टेंट है और आप डाउन साइज मत करो बैंक्स आपको सपोर्ट करेंगे आई वेंट टू श्री प्रणब मुखर्जी देन फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ़ इंडिया एंड आई सेड प्रणव दा हम प्रॉब्लम अच्छे किंगफिशर एयरलाइंस के डाउन साइज करते होवे ही सेड नो एट दिस टाइम कनेक्टिविटी इजेंट अब पहली बात तो यह चीज एक्चुअली में हुई भी थी या नहीं हुई थी यह हमें नहीं पता क्योंकि प्रणब मुखर्जी अब इस दुनिया में नहीं रहे अपने आप को डिफेंड करने के लिए लेकिन दूसरी बात यह है कि कोई बिजनेसमैन अपनी प्राइवेट कंपनी कैसे चला रहा है इस पर सरकार सलाह दे सकती है लेकिन सरकार

कंट्रोल नहीं कर सकती फोर्स नहीं कर सकती किसी बिजनेसमैन को अगर विजय मालिया डाउन साइज करना चाहते थे तो फाइनली ये डिसीजन उन्हीं के ऊपर था यह क्या लॉजिक हुआ कि मतलब अपने फेलियर्स का दोष सरकार पर डाल दो सरकार की रेकमेंडेशन पर डाल दो ऐसे अरबपति कॉर्पोरेट बिलिनेयर्स में मैंने ये चीज बहुत बार देखी है कि जब भी वो सक्सेसफुल होते हैं तो हमेशा खुद को क्रेडिट देंगे कि देखो मैं कितना सक्सेसफुल हूं यह बिजनेस मैंने कहां से कहां तक पहुंचा दिया लेकिन जब भी उनके कोई बिजनेस का फेलियर होता है तो वो ब्लेम हमेशा दूसरों पर डालते हैं कि देखो सरकार

ने ये कहा था सरकार ने दखल अंदाजी कर दी वो एक्सपेक्ट करते हैं कि फेलियर के बाद उनकी कंपनी को बेल आउट किया जाएगा सरकार के द्वारा टैक्स पेयर के पैसों यानी सक्सेस मिले तो कैपिटलिज्म जिंदाबाद और फेलियर हो जाए तो सोशलिज्म जिंदाबाद हिपोक्रेसी की भी सीमा होती है विजय मालिया का कहना है कि मीडिया ने उन्हें विलेन बनाया है यह एक हद तक सही बात है देश में ऐसे कई बिजनेसमैन है जिन्होंने बैंकों के पैसे नहीं लौटाए और बाद में उन्होंने बहुत कम पैसों में सेटल कर लिया लेकिन जिस तरह विजय मालिया लोगों की इमेजिनेशन पर छाए जो उनकी पब्लिक लाइफ सबको देखने को मिली उसका क्रेडिट भी मीडिया को ही जाता है जब उनका राइज देखने को मिल रहा था उन्हें किंग ऑफ गुड टाइम्स कहा गया लाइमलाइट मिलती रही तब सब बढ़िया था लेकिन जब उनका डाउनफॉल हुआ वो कहते हैं कि मीडिया ने उन्हें एक पोस्टर बॉय बना दिया हुड यू मेक अ पोस्टर बॉय समबडी हु इज इनसिग्निफिकेंट लेकिन सवाल यह कि आखिर सिर्फ उन्हें ही यह पोस्टर बॉय क्यों बनाया गया इसका जवाब माल्या के ही कामों में छिपा है जब आपके कर्मचारी सैलरीज के लिए तरस रहे हो और आपके 60थ बर्थडे पर करोड़ों का जश्न मनाया जा रहा हो जब आप पर हजारों करोड़ रुपए का कर्ज हो और आप उसे चुकाने की बजाय देश छोड़कर भाग जाए जब आपकी एक एंप्लॉय की पत्नी आर्थिक तंगी से आत्महत्या कर ले और आप सालों बाद इसे मैरिटल डिस्प्यूट बताकर पल्ला झाड़ ले तो आप खुद ब खुद फाइनेंसियल क्राइम्स और मोरल बैंककरप्सी का चेहरा बन जाते हैं वन ऑफ योर एम्प्लाइज वाइफ कमिटेड अ सुसाइड दैट वास द कलमिनेशन ऑफ अ लॉन्ग स्टैंडिंग डिस्प्यूट मैरिटल डिस्प्यूट तो आपने देखा दोस्तों विजय मालिया ने किन-किन अलग-अलग तरीकों से कोशिश करी अपने आप को डिफेंड करने की लेकिन इनके एक भी क्लेम का मतलब यह नहीं कि विजय मालिया निर्दोष हैं| Hype vs Reality The Vijay Mallya story.

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